बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर -
जीवन-परिचय - मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 ई. को चिरगाँव (जिला झांसी) में हुआ। उनके जनक श्री रामचरण और जननी काशी देवी थी। उनका पारिवारिक परिवेश वैष्णव संस्कारों से युक्त था। बालक मैथिलीशरण पर भी ये संस्कार बचपन से ही पड़ गये। उनकी प्राथमिक शिक्षा घर पर ही हुई। विद्यालय में वे पढ़ने गये, परन्तु नियमित शिक्षा नहीं ग्रहण कर सके। स्वाध्याय द्वारा उन्होंने प्रमुख संस्कृत-ग्रन्थों का अध्ययन किया। लड़कपन से ही वे कविता करने लगे थे। 20 वर्ष की आयु तक पहुँचते- पहुँचते उनकी कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में छपने लगी थीं।
गुप्त जी का प्रथम विवाह बहुत जल्दी हो गया था, परन्तु उनके नवजात पुत्र और पत्नी का असमय निधन हो गया। 1904 ई. में उनका दूसरा विवाह हुआ परन्तु 10 वर्ष बाद दूसरी पत्नी का देहावसान हो गया। 1917 ई. में सरजू देवी से उनका तीसरा विवाह हुआ, जिनसे सात सन्तानें हुईं, पर सभी काल के गाल में समा गईं। आठवीं सन्तान 1936 ई. में उर्मिला चरण के रूप में हुई, जिनसे कवि की वंश परम्परा आगे बढ़ी।
व्यक्तित्व : गुप्त जी के व्यक्तित्व को जाने बिना उनको भली-भाँति समझना असम्भव है। गुप्त जी की पारिवारिक आत्मीयता, उनका वैष्णव हृदय, राष्ट्र और देश-प्रेम, समन्वयशीलता और मानवीयता, प्राचीन संस्कार और आदर्श भावना उनके काव्य को प्रभावित करते रहे हैं। गुप्त जी को पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी तथा मुंशी अजमेरी (जो उनके ग्रामवासी थे) से काव्य रचना में प्रेरणा और उत्साह प्राप्त हुआ। गुप्त जी के पिता भी काव्यानुरागी सज्जन थे। बाल्यावस्था में ही गुप्त जी ने उनकी कविता - पुस्तक में एक रचना लिख दी, जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने गुप्त जी को कवि बनने का आशीर्वाद दिया, जो गुप्त जी के जीवन में सत्य प्रमाणित हुआ। सन् 1906 ई. में राष्ट्रीय आन्दोलन से प्रेरित होकर वे काव्य क्षेत्र में आए और तब से बराबर साहित्य-रचना करते रहे।
काव्य-प्रेरणा : सन् 1900 के बाद से देश में राष्ट्रीय चेतना की मात्रा बढ़ती गयी। भारतवासी अपना उत्तरदायित्व समझने लगे और उन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लिया। यह चेतना राजनीति के क्षेत्र में ही सीमित न रही, समाज और साहित्य भी उससे प्रभावित हुए। इस आन्दोलन के साथ हिन्दी का महत्व बढ़ता गया और हिन्दी के साहित्यकार इससे परिचित होकर साहित्य में सामयिक प्रवृत्तियों का अधिक समावेश करने लगे। इसी समय श्री महावीर प्रसाद द्विवेदी अवतरित हुए, जिन्हें हिन्दी के 'आधुनिक महारथी' के रूप में समझा जा सकता है। उन्होंने हिन्दी साहित्य की नीति-निर्धारित की और उसी नीति के अनुरूप उन्होंने तरुण कवियों और लेखकों को प्रेरित किया। उन्होंने उनके कवियों को प्रेरणा प्रदान की। श्री मैथिलीशरण गुप्त उनमें सर्वप्रमुख थे।
काव्य रचना के साथ ही गुप्त जी ने राष्ट्रीय आन्दोलनों में भी सक्रिय भाग लिया। महात्मा गाँधी के आह्वान पर 1941 ई. में व्यक्तिगत सत्याग्रह करके कारागार में गये। अपनी रचनाओं के द्वारा वे बराबर स्वाधीनता का बिगुल बजाते रहे। 1912 ई. में उनकी प्रसिद्ध रचना 'भारत-भारती' का प्रकाशन हुआ, जिसे ब्रिटिश सरकार ने राजद्रोह माना तथा उस पर प्रतिबन्ध लगाकार उनकी सारी प्रतियाँ जब्त कर लीं। इस घटना ने इस महाकवि की ओर महात्मा गाँधी तथा अन्य राष्ट्रभक्तों का ध्यान सहज ही आकृष्ट किया और बाद में महात्मा गाँधी ने उन्हें राष्ट्रकवि कहा। भारत-भारती का प्रकाशन स्वतंत्रता के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है।
स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात् राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त को राज्यसभा का सदस्य नामित किया गया, जिसे बड़ी प्रार्थना करने पर उन्होंने स्वीकार किया। 12 वर्ष तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने उनकी महान् साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें डी. लिट्. की उपाधि दी तथा भारत सरकार ने 'पद्मभूषण' का गौरपूर्ण अलंकरण प्रदान किया। 78 वर्ष की उम्र में 12 दिसम्बर, 1964 ई. में वे अपनी जन्मभूमि 'चिरगाँव' में ही परम तत्व में विलीन हो गये।
गुप्त जी की कृतियाँ : राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने अपने लम्बे जीवन में बहुत सारी रचनाएँ रची जिनका उल्लेख काल-क्रम से निम्नलिखित है-
हेमन्त (प्रथम कविता - 'सरस्वती' में प्रकाशित) 1906 ई., 2. रंग में भंग (1906 ई.), 3. भारत-भारती (1912 ई.). 4. तिलोत्तमा (1915 ई.), 5. चन्द्रहास (1919 ई.), 6. किसान (1919 ई.). 7. वैतालिक (1919 ई.). 8. पत्रावली (1919 ई.) 9. शंकुतला (1914-23 ई.), 10. लीला (1919 ई. में 'सरस्वती' में प्रकाशित) 11. पंचवटी (1925 ई.) 12. आर्य (1925 ई.) 13. स्वदेश संगीत (1925 ई.). 14. शक्ति (1927 ई.), 15. विकट भट (1928 ई.), 19. गुरुकुल (1928 ई), 17. हिन्दू (1926 ई.) 18. रत्रिपथगा (बक संहार, वनवैभव, सैरन्ध्री का संकलन) (1926 ई.), 19. झंकार (1926 ई.), 20. साकेत (1931 ई.) 21. यशोधरा (1932 ई.) 22. उच्छ्वास (1935 ई.), 23. सिद्धराज (1936 ई.), 24. द्वापर (1936 ई.) 25. मंगल घट (1937 ई.) 26. नहुष (1940 ई.). 27. कुणाल गीत (1942 ई.). 2. अर्जन- विसर्जन (1942 ई.) 29. विश्व - वेदना (1942 ई.), 30. काबा और कर्बला (1942 ई.), 31. अजित (1946 ई.), 32. प्रदक्षिणा (1950 ई.), 33. पृथ्वी पुत्र (1950 ई.), 34. हिडिम्बा (1950 ई.), 35. अंजलि और अर्ध्य (1950 ई.), 36. जय भारत (1952 ई.), 37. भूमि भाग (1953 ई.), 38. राजा प्रजा (1956 ई.). 39. विष्णुप्रिया (1957 ई.). 40. रत्नावली - (1960 ई.), 41. स्वस्ति और संकेत (प्रकाशन 1983 ई.)।
पद्य अनुवाद : 1. विरहिणी व्रजागंना, (1914, मूल लेखक माइकेल मधुसूदन दत्त), 2. प्रतिभा (1914, मूल लेखक 'भास'), 3. अविमारक (1914, मूल लेखक 'भास'), 4. अभिषेक (1914 मूल लेखक - भास), 5. दूत घटोत्कच (1914, मूल लेखक 'भास'), 6. स्वप्नवासवदत्ता (1914, मूल लेखक 'भास'), 7. प्लासी का युद्ध (1920 मूल लेखक नवीनचन्द्र सेन), 8. मेघनाद वध (1927, मूल लेखक माइकेल मधुसूदन दत्त), 9. वीरांगना (1927, मूल लेखक - मधुसूदन दत्त), 10. रूबाइयत उमर खय्याम (1926, मूल लेखक -उमर खय्याम), 11. वृत्त संहार (1962, मूल लेखक - हेमचन्द्र वन्द्योपाध्याय)।
गद्य रचना - 1. मुंशी अजमेरी (1973 ई. में प्रकाशित), 2. श्रद्धांजलि संस्मरण (1976 ई. में प्रकाशित)।
|
- अध्याय - 1 चंदबरदाई : पृथ्वीराज रासो के रेवा तट समय के अंश
- प्रश्न- रासो की प्रमाणिकता पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो महाकाव्य की भाषा पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो को जातीय चेतना का महाकाव्य कहना कहाँ तक उचित है। तर्क संगत उत्तर दीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो के सत्ताइसवें सर्ग 'रेवा तट समय' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- रासो शब्द की व्युत्पत्ति के सम्बन्ध में प्राप्त मतों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो' में अभिव्यक्त इतिहास पक्ष की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यापति भोग के कवि हैं? क्यों?
- अध्याय - 2 जगनिक : आल्हा खण्ड
- प्रश्न- जगनिक के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- जगनिक कृत 'आल्हाखण्ड' का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आल्हा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक द्वारा आल्हा ऊदल की कथा सृजन का उद्देश्य वर्णित कीजिए। उत्तर -
- प्रश्न- 'आल्हा' की कथा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- अध्याय - 3 गुरु गोविन्द सिंह
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह की रचनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह' की भाषा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिख धर्म में दशम ग्रन्थ का क्या महत्व है?
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के पश्चात् सिख धर्म में किस परम्परा का प्रचलन हुआ?
- अध्याय - 4 भूषण
- प्रश्न- महाकवि भूषण का संक्षिप्त जीवन और साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भूषण ने किन काव्यों की रचना की?
- प्रश्न- भूषण की वीर भावना का स्वरूप क्या है?
- प्रश्न- वीर भावना कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- भूषण की युद्ध वीर भावना की उदाहरण सहित विवेचना कीजिए।
- अध्याय - 5 भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की शैलीगत विशेषताओं को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की भाव-पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की भाषागत विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु जी के काव्य की कला पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भीतर भीतर सब रस चूस पद की व्याख्या कीजिए।
- अध्याय - 6 अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जीवन परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' के काव्य की भाव एवं कला की भाव एवं कलापक्षीय विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि हैं।
- प्रश्न- हरिऔध जी का रचना संसार एवं रचना शिल्प पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रिय प्रवास की छन्द योजना पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- 'जन्मभूमि' कविता में कवि हरिऔध जी का देश की भूमि के प्रति क्या भावना लक्षित होती है?
- अध्याय - 7 मैथिलीशरण गुप्त
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'गुप्त जी राष्ट्रीय कवि की अपेक्षा जातीय कवि अधिक हैं। उपर्युक्त कथन की युक्तिपूर्ण विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त जी के काव्य के कला-पक्ष की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त की कविता मातृभूमि का भाव व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त किस कवि के रूप में विख्यात हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता में मैथिलीशरण गुप्त ने क्या पिरोया है?
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त के प्रथम काव्य संग्रह का क्या नाम है? साकेत की कथावस्तु का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त ने आर्य शीर्षक कविता में क्या उल्लेख किया है?
- अध्याय - 8 जयशंकर प्रसाद
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए "प्रसाद का प्रकृति-चित्रण बड़ा सजीव एवं अनूठा है।'
- प्रश्न- महाकवि जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रीय चेतना का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- 'प्रसाद' के कलापक्ष का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' कविता का सारांश / सार/ कथ्य अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी द्वारा रचित राष्ट्रीय काव्यधारा से ओत-प्रोत 'प्रयाण गीत' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- जयशंकर प्रसाद जी का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी के काव्य में नवजागरण की मुख्य भूमिका रही है। तथ्यपूर्ण उत्तर दीजिए।
- अध्याय - 9 सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
- प्रश्न- 'सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' एक क्रान्तिकारी कवि थे।' इस दृष्टि से उनकी काव्यगत प्रवृत्तियों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'निराला ओज और सौन्दर्य के कवि हैं। इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य-भाषा पर एक निबन्ध लिखिए। यथोचित उदाहरण भी दीजिए।
- प्रश्न- निराला के जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में अभिव्यक्त वैयक्तिकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में प्रकृति का किन-किन रूपों में चित्रण हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निराला के साहित्यिक जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला की सांस्कृतिक चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला की विद्रोहधर्मिता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि निराला जी की 'भारती जय-विजय करे' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 10 माखनलाल चतुर्वेदी
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी के काव्य में राष्ट्रीय चेतना लक्षित होती है।" इस कथन की सोदाहरण पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- 'माखनलाल जी' की साहित्यिक साधना पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी ने साहित्य रचना का महत्व किस प्रकार प्रकट किया?
- प्रश्न- साहित्य पत्रकारिता में माखन लाल चतुर्वेदी का क्या स्थान है
- प्रश्न- 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित 'जवानी' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 11 सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रश्न- कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुभद्रा कुमारी चौहान किस कविता के माध्यम से क्रान्ति का स्मरण दिलाती हैं?
- प्रश्न- 'वीरों का कैसा हो वसंत' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- 'झाँसी की रानी' गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 12 बालकृष्ण शर्मा नवीन
- प्रश्न- पं. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी की राष्ट्रीय चेतना / भावना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'विप्लव गायन' गीत का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- नवीन जी के 'हिन्दुस्तान हमारा है' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' स्वाधीनता के पुजारी हैं। इस कथन को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 13 रामधारी सिंह 'दिनकर'
- प्रश्न- दिनकर जी राष्ट्रीय चेतना और जनजागरण के कवि हैं। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "दिनकर" के काव्य के भाव पक्ष को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- 'दिनकर' के काव्य के कला पक्ष का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- रामधारी सिंह दिनकर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।
- प्रश्न- दिनकर जी द्वारा विदेशों में किए गए भ्रमण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की काव्यधारा का क्रमिक विकास बताइए।
- प्रश्न- शहीद स्तवन (कलम आज उनकी जयबोल) का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की 'हिमालय' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 14 श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'
- प्रश्न- कवि श्यामलाल गुप्त का जीवन परिचय एवं राष्ट्र चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- झण्डा गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- पार्षद जी ने स्वाधीनता आन्दोलन में शामिल होने के कारण क्या-क्या कष्ट सहन किये।
- प्रश्न- श्यामलाल गुप्त पार्षद के हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए क्या सम्मान मिला?
- अध्याय - 15 श्यामनारायण पाण्डेय
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डे के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय ने राष्ट्रीय चेतना का संचार किस प्रकार किया?
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित 'चेतक की वीरता' कविता का सार लिखिए।
- प्रश्न- 'राणा की तलवार' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 16 द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी
- प्रश्न- प्रसिद्ध बाल कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'उठो धरा के अमर सपूतों' का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- वीर तुम बढ़े चलो गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 17 गोपालप्रसाद व्यास
- प्रश्न- कवि गोपालप्रसाद 'व्यास' का एक राष्ट्रीय कवि के रूप में परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि गोपाल प्रसाद व्यास किस भाषा के मर्मज्ञ माने जाते थे?
- प्रश्न- गोपाल प्रसाद व्यास द्वारा रचित खूनी हस्ताक्षर कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- "शहीदों में तू अपना नाम लिखा ले रे" कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 18 सोहनलाल द्विवेदी
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी का जीवन और साहित्य क्या था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी के काव्य में समाहित राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- 'तुम्हें नमन' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने महात्मा गाँधी को अपने काव्य में क्या स्थान दिया है?
- प्रश्न- सोहनलाल द्विवेदी जी की रचनाएँ राष्ट्रीय जागरण का पर्याय हैं। स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 19 अटल बिहारी वाजपेयी
- प्रश्न- कवि अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अटल बिहारी वाजपेयी के कवि रूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अटल जी का काव्य जन सापेक्ष है। सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- अटल जी की रचनाओं में भारतीयता का स्वर मुखरित हुआ है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कदम मिलाकर चलना होगा कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- उनकी याद करें कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 20 डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निशंक जी के साहित्य के विषय में अन्य विद्वानों के मतों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हम भारतवासी कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- मातृवन्दना कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 21 कवि प्रदीप
- प्रश्न- कवि प्रदीप के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप की साहित्यिक अभिरुचि का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप किस विचारधारा के पक्षधर थे?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत का आधार क्या था?
- प्रश्न- गीतकार और गायक के रूप में कवि प्रदीप की लोकप्रियता कब हुई?
- प्रश्न- स्वतन्त्रता आन्दोलन में कवि प्रदीप की क्या भूमिका रही?
- अध्याय - 22 साहिर लुधियानवी
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी का साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'यह देश है वीर जवानों का' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी के गीतों में किन सामाजिक समस्याओं को उठाया गया है?
- अध्याय - 23 प्रेम धवन
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के गीत देशभक्ति से ओतप्रोत हैं। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'छोड़ों कल की बातें' गीत किस फिल्म से लिया गया है? कवि ने इसमें क्या कहना चाहा है?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे प्यारे वतन' गीत किस पृष्ठभूमि पर आधारित है?
- अध्याय - 24 कैफ़ी आज़मी
- प्रश्न- गीतकार कैफी आज़मी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "सर हिमालय का हमने न झुकने दिया।" इस पंक्ति का क्या भाव है?
- प्रश्न- "कर चले हम फिदा जानोतन साथियों" गीत का प्रतिपाद्य / सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- सैनिक अपनी मातृभूमि के प्रति क्या भाव रखता है?
- अध्याय - 25 राजेन्द्र कृष्ण
- प्रश्न- गीतकार राजेन्द्र कृष्ण के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा' गीत का मूल भाव क्या है?
- अध्याय - 26 गुलशन बावरा
- प्रश्न- गीतकार गुलशन बावरा के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'मेरे देश की धरती सोना उगले गीत का प्रतिपाद्य लिखिए। '
- अध्याय - 27 इन्दीवर
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर के जीवन और फिल्मी कैरियर का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत का मुख्य भाव क्या है?
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर ने किन प्रमुख फिल्मों में गीत लिखे?
- अध्याय - 28 प्रसून जोशी
- प्रश्न- गीतकार प्रसून जोशी के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में गीतकार प्रसून जोशी ने क्या चित्रण किया है?
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में कवि ने इश्क का रंग कैसा बताया है?